UPI Payment New Rules: यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) ने भारत में डिजिटल भुगतान को सरल और तेज बना दिया है। लेकिन राष्ट्रीय भुगतान निगम ऑफ इंडिया (NPCI) द्वारा समय-समय पर जारी किए जाने वाले नए नियमों से सिस्टम को और मजबूत किया जाता है। 2025 में UPI पर कई महत्वपूर्ण बदलाव लागू हो चुके हैं या होने वाले हैं, जो उपयोगकर्ताओं की सुरक्षा, लेनदेन की दक्षता और धोखाधड़ी रोकने पर केंद्रित हैं।
इस लेख में हम UPI पेमेंट के नए नियमों 2025 की विस्तृत जानकारी साझा करेंगे, जिसमें अप्रैल और अगस्त से लागू होने वाले अपडेट शामिल हैं। यदि आप PhonePe, Google Pay या Paytm जैसे ऐप्स का उपयोग करते हैं, तो ये बदलाव आपके दैनिक लेनदेन को प्रभावित कर सकते हैं।

UPI Payment New Rules 2025: अप्रैल से लागू बदलाव
1 अप्रैल 2025 से NPCI ने मोबाइल नंबर सत्यापन से जुड़े नए दिशानिर्देश जारी किए हैं। ये नियम बैंकों, UPI ऐप्स और थर्ड-पार्टी प्रदाताओं के लिए अनिवार्य हैं। मुख्य बदलाव इस प्रकार हैं:
- साप्ताहिक डेटाबेस अपडेट: बैंकों और ऐप्स को मोबाइल नंबर रिवोकेशन लिस्ट (MNRL) या डिजिटल इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म (DIP) का उपयोग करके अपनी डेटाबेस को कम से कम हर सप्ताह अपडेट करना होगा। इससे निष्क्रिय या रिसाइकिल्ड नंबरों से होने वाली त्रुटियां कम होंगी।
- न्यूमेरिक UPI ID के लिए स्पष्ट सहमति: ऐप्स को न्यूमेरिक UPI ID असाइन या अपडेट करने से पहले उपयोगकर्ता से स्पष्ट अनुमति लेनी होगी। डिफॉल्ट सेटिंग ऑप्ट-आउट होगी, यानी उपयोगकर्ता को सक्रिय रूप से ऑप्ट-इन करना पड़ेगा। लेनदेन के दौरान सहमति मांगना प्रतिबंधित है ताकि उपयोगकर्ता भ्रमित न हों।
- त्रुटि न्यूनीकरण: ये कदम UPI लेनदेन में मोबाइल नंबर बदलाव से जुड़ी गड़बड़ियों को रोकेंगे, जो अक्सर असफल ट्रांजेक्शन का कारण बनती हैं।
ये नियम 31 मार्च 2025 तक लागू करने के निर्देश थे, और अनुपालन न करने पर NPCI कार्रवाई कर सकता है।
UPI Payment New Rules 2025: अगस्त से प्रमुख अपडेट
1 अगस्त 2025 से UPI में और बड़े बदलाव आए हैं, जो सिस्टम की स्थिरता, धोखाधड़ी रोकथाम और उपयोगकर्ता सहमति पर फोकस करते हैं। NPCI ने 21 मई 2025 को जारी सर्कुलर के तहत ये दिशानिर्देश दिए हैं, जो 31 जुलाई 2025 तक लागू करने थे। मुख्य बिंदु निम्नलिखित हैं:
- बैलेंस चेक और बैंक अकाउंट एक्सेस पर सीमा: उपयोगकर्ता प्रति दिन अधिकतम 50 बार ही बैलेंस चेक कर सकेंगे। इसी तरह, फोन नंबर से लिंक्ड बैंक अकाउंट्स देखने की संख्या 25 बार तक सीमित होगी। यह API उपयोग को नियंत्रित करने के लिए है, ताकि पीक आवर्स में सर्वर पर बोझ न पड़े।
- ऑटोपे टाइमिंग का नया शेड्यूल: ऑटोपे मैनडेट्स (जैसे EMI, सब्सक्रिप्शन, बिल पेमेंट) अब केवल रात 12 बजे से सुबह 7 बजे के बीच प्रोसेस होंगे। इससे रैंडम फेलियर कम होंगे और व्यवसायों को प्लानिंग में आसानी होगी।
- मैंडेट रिट्राई लिमिट: असफल ऑटोपे मैनडेट्स के लिए रिट्राई की संख्या सीमित होगी, जो सिस्टम लोड को संतुलित रखेगी।
- ट्रांजेक्शन स्टेटस और रिसीपिएंट विजिबिलिटी: लेनदेन की स्थिति सेकंड्स में अपडेट होगी, न कि पेंडिंग दिखाने के बजाय। साथ ही, प्राप्तकर्ता की जानकारी अधिक पारदर्शी तरीके से दिखाई जाएगी।
- पीक आवर्स में API मॉनिटरिंग: PSP बैंकों को API रिक्वेस्ट्स (वेलोसिटी और TPS) की निगरानी करनी होगी, ताकि अनुचित उपयोग रोका जा सके।
ये बदलाव UPI के मासिक 18 अरब से अधिक ट्रांजेक्शन्स को हैंडल करने में मदद करेंगे, जैसा कि IMF ने भी सराहा है।
UPI ट्रांजेक्शन लिमिट्स 2025: दैनिक और मासिक सीमाएं
NPCI के दिशानिर्देशों के अनुसार, 2025 में UPI ट्रांजेक्शन लिमिट्स में कोई बड़ा बदलाव नहीं हुआ है, लेकिन सामान्य नियम अभी भी लागू हैं:
प्रकार | दैनिक लिमिट | मासिक लिमिट | टिप्पणी |
---|---|---|---|
व्यक्तिगत P2P | ₹1 लाख | कोई सीमा नहीं | सामान्य उपयोगकर्ताओं के लिए |
व्यवसाय P2M | ₹2 लाख | कोई सीमा नहीं | मर्चेंट पेमेंट्स |
UPI लाइट (फीचर फोन) | ₹10,000 | कोई सीमा नहीं | ग्रामीण क्षेत्रों के लिए |
क्रेडिट लाइन | ₹30,000 | ₹3 लाख | UPI क्रेडिट कार्ड्स |
फरवरी 2025 से ट्रांजेक्शन क्रेडिट कॉन्फर्मेशन (TCC) सिस्टम लागू है, जो चार्जबैक को ऑटो-अपडेट करता है।
इन नए नियमों का उपयोगकर्ताओं पर प्रभाव
ये UPI नए नियम 2025 उपयोगकर्ताओं के लिए ज्यादातर सहज रहेंगे, लेकिन कुछ बदलाव जैसे बैलेंस चेक लिमिट से अधिक जागरूकता की जरूरत पड़ेगी। व्यवसायों को ऑटोपे शेड्यूल के अनुसार प्लानिंग करनी होगी, जबकि आम यूजर्स को फ्रॉड से बचाव में आसानी होगी। कुल मिलाकर, ये अपडेट्स UPI को वैश्विक स्तर पर मजबूत बनाएंगे।
निष्कर्ष: UPI Payment New Rules 2025
UPI पेमेंट के नए नियम 2025 ने डिजिटल भुगतान को सुरक्षित और कुशल बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया है। अप्रैल से मोबाइल सत्यापन और अगस्त से API लिमिट्स जैसे बदलावों से सिस्टम की स्थिरता बढ़ेगी। उपयोगकर्ताओं को इन नियमों का पालन कर अपनी ट्रांजेक्शन्स को सुगम बनाना चाहिए। भविष्य में UPI का विस्तार ग्रामीण और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जारी रहेगा, जो भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था को मजबूत करेगा। अपडेट रहें और सुरक्षित भुगतान करें!
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)
1. UPI नए नियम 2025 कब से लागू हो रहे हैं?
अप्रैल 2025 से मोबाइल सत्यापन नियम और 1 अगस्त 2025 से API और ऑटोपे संबंधी बदलाव लागू हैं।
2. बैलेंस चेक की दैनिक लिमिट क्या है?
प्रति दिन अधिकतम 50 बार बैलेंस चेक किया जा सकता है।
3. ऑटोपे कब प्रोसेस होगा?
केवल रात 12 बजे से सुबह 7 बजे के बीच।
4. क्या ट्रांजेक्शन लिमिट बढ़ी है?
नहीं, दैनिक ₹1 लाख की लिमिट वही है।
5. न्यूमेरिक UPI ID के लिए क्या सहमति जरूरी है?
हां, स्पष्ट ऑप्ट-इन सहमति अनिवार्य है, डिफॉल्ट ऑप्ट-आउट।
6. अनुपालन न करने पर क्या होगा?
NPCI API प्रतिबंध या जुर्माना लगा सकता है।